हो गए जो अमर जग में
हो गए जो अमर जग में ,
उन सपूतों को नमन ।
प्राण आहुति दे जिनने ,
रक्त से सींचा चमन ।।
धन्य है वे जननि जिनके,
लाड़ले सुत सो गए ।
मातृभूमि के जो आँचल
के सितारे हो गए ।।
नाम जिनका स्वर्ण के
वर्णों मेंअंकित हो गया ।
पञ्च तत्वों में है उनका
तन बदन अब खो गया ।।
हृदय से श्रद्धांजलि ,
अर्पित करें कर जोड़ कर ।
स्वप्नों को पूरा करें
हम जो गए वो छोड़कर ।।