हो गई हूँ साँवरी तेरे लिए
श्याम के रँग में रँगी तेरे लिए
हो गई हूँ साँवरी तेरे लिए
रात रूठी, चाँद खोया, अब बता
कैसे लाऊँ चाँदनी तेरे लिए
रोशनी तुझको मिली चाहे नहीं
मैं जली पर दीप सी तेरे लिए
दर्द से ये दिल तो रोया था मगर
ओढ़ ली नकली हँसी तेरे लिए
पूर्ण हो आराधना , रख कामना
‘अर्चना’ की लौ बनी तेरे लिए
10-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता