होश हैं गुम
तुम तरा रूम
तरा रूम तरा रूम
भाग गए बंदर
छोड़ गए दुम…
(१)
चकबुम चकबुम
बुम बुम बुम
सारे सिस्टम को
लग गया घुन…
(२)
रूनझुन रूनझुन
झुन झुन झुन
सस्ता हुआ
आवाम का ख़ून…
(३)
क्या काबूल और
क्या यंगून
चारों तरफ़
तानाशाहों का धूम…
(४)
सुनकर बगावत
का यह धुन
हुक्मरानों के
होश हैं गुम…
(५)
गाते रहेंगे
हम घूम-घूम
चाहे कुछ भी
कर लो तुम…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#LiteraryGenius #satiricalsong
#जनवादीगीत