होली रो यो है त्यौहार
होली रो यो है त्यौहार, जीभर रंग लगाबा दयो।
बजबा दयो चंग बाजा तैं, जीभर मनैं नचबा दयो।।
होली रो यो है त्यौहार——————————।।
(होली है होली, यह होली है होली)
रंग री पिचकारी भर,आवो खेला होली।
लेकर हाथा मं गुलाल, देखो आई टोली।।
गुलाल सूं रंगबा दयो गाल,जीभर होली खेलबा दयो।
बजबा दयो चंग बाजा तैं, जीभर मनैं नचबा दयो।।
होली रो यो है त्यौहार—————————।।
(होली है होली, यह होली है होली)
देखो सारा छोरा- छोरी तैं , डुबया है मस्ती मं।
सगला लोग-लुगाई मिलकर, नाच रया बस्ती मं।।
संग याकै होली री, जीभर मस्ती करबा दयो।
बजबा दयो चंग बाजा तैं, जीभर मनैं नचबा दयो।।
होली रो यो है त्यौहार—————————।।
(होली है होली , यह होली है होली)
आपस म लागो तैं गलै, मन रो बैर भूलाकर।
भाईचारो तैं बढ़ावो,दिल री दूरी मिटाकर।।
या होली प्रेम रो त्यौहार,डीजे पे यह गाबा दयो।
बजबा दयो चंग बाजा तैं,जीभर मनैं नचबा दयो।।
होली रो यो है त्यौहार—————————।।
(होली है होली, यह होली है होली)
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)