*** ” होली के रंग में……! ” ***
# : आओ मिलकर खेलें होली ,
सब एक-दूजे के संग।
हर घर में खुशियों की शोर मचे ,
जैसे कोई प्रेम रंग तरंग।
हर गलियों में बजे नगाड़े-ढोल,
और संग बजे मन-मृदंग।
रंग-बिरंगी होली में, मन की एक खोली में ,
रंग जायेंगे मिलकर हम।
लगाकर तिलक अबीर गुलाल,
रंग-रंगीले भाव से , ढोल-नगाड़ों की बजायें ताल ;
आओ कुछ थाप लगा लेंगे ,
सप्त-सुरों की कुछ राग लगा लेंगे
प्रेम-रस की , रंग भरी इस होली में हम।
कहता है ये रंग-रंगीले पागल-मन-आवारा,
होली के प्रीत रंग में रंग जाये ये दुनिया सारा।
सब के जुबाँ पर हो एक ही ,
और केवल एक ही बोली।
आओ खेलें हम सब मिलकर ,
प्रेम-राग और प्रेम की रंग की होली।।
हैप्पी होली , हैप्पी होली ………!!!!!!
हैप्पी होली , हैप्पी होली……!!!!!!!
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* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )