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27 Dec 2022 · 2 min read

होम डिलीवरी

होम डिलीवरी
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कलाकार की सूची:-
दुकानदार का नाम – मंगरु महतो
गैस लेने वाला का नाम – झींगा यादव
समझाने वाला का नाम – अन्य व्यक्ति
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(झींगा यादव छोटा सा गैस सिलेंडर लेकर के जाते हैं गैस भरवाने के लिए एक गैस की दुकान पर और अपना गैस सिलेंडर उस दुकान के काउंटर पर रख देते हैं और कहते हैं दुकानदार से)

झींगा यादव :- तनी गैस भर दिय मगरु भाई

( तभी मन गुरु गैस सिलेंडर उठाकर भरते हुए कहता है)

मगरु महतो :- झींगा भाई तहरा बड़का गैस सिलेंडर के कनेक्शन करालेला अउरी होम डिलीवरी करालेला.

( इतना सुनते ही झींगा यादव भड़क जाते हैं और गुस्सा से लाल होकर अंट संट बोलने लगते हैं)

झींगा यादव :- का कली हई मंगरुआ, तोरा माई के एने-ओने करी हम, तोरा बहिन के नन्दोई खोजी हम, तोरा मेहरारु के नहीरा जाई हम, तोरा सार के बहिन के भगाई हम, ते अपना माई बहिन ला होम डिलीवरी करा दें, ते अपना मेहरारु ला होम डिलीवरी करा दें.

( तब तक आसपास के लोगों से भीड़ जमा हो जाता है और उसी में से एक व्यक्ति जाता है और समझाने का प्रयास करता है)

अन्य व्यक्ति :- (समझाते हुए) ए मारदवा चुपऽ – चुपऽ, हम तारा के समझावतानी, केतना ले पढ़ले बाड़ऽ?

झींगा यादव :- ए आठवा पास होके नौवा में एडमिशन करवनी, ओकरा बाद पढ़ाई छुट्ट गईल, मास्टारवा नौवा के सर्टियोंफिकेट ना देलख.

अन्य व्यक्ति :- ए मारदवा हेतना पढ़ल लिखल बाड़ऽ तेपरो ताहरा होम डिलीवरी समझ में नईखे आवत, ताहरा एतना पढ़ल लिखल तऽ बिहार के उप मुख्यमंत्री बनल बाऽ
( थोड़ी देर बाद) अच्छा ऊ सब छोड़ऽ, मंगरु जवन ई बात कहलहवन होम डिलीवरी वाला, तऽ एकर मतलब होला, जईसे की तु बाहर चल गईलऽ आ ताहरा घरे गैस ओरा गईल तब तु बहरे से अपना फोनवा से फोन करके गैस कनेक्शन लगा देबऽ, ओकरा बाद भरल गैस सिलेंडर ताहरा घरे पहुँच जाई, ताहरा मेहरारु के घर से निकलहू के ना परी, जानतारऽ खर्चा केतना लिलों मात्र बीस – तीस रुपया
तब बतावऽ केतना अच्छा बाऽ, तु कही रहऽ ताहरा घरे होम डिलीवरी गैस सिलेंडर पहुँच जाई, समझ में आईल एकरे के कहल जाला होम डिलीवरी.

झींगा यादव – अच्छा तऽ एकरा के कहल जाला, साला पढ़ला लिखला में इहेनु दिक्कत बाऽ अर्थ के अनर्थ हो जाता.
( दुकानदार के तरफ घूम कर के)
ठीक बाऽ भाई, तोहरा से माफी चाहतानी. जानते बाड़ऽ नौवा फेल हई केतना समझ में आई. आ उहे तनी होम डिलीवरी वाला कदऽ काहे की बाहर जायेवाला बानी.
———————–०००—————————–
लेखक : जय लगन कुमार हैप्पी

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