होगी बरसात तो भीग जाएंगे हम
बीते दिन पास अपने बुलाएंगे हम
होगी बरसात तो भीग जाएंगे हम
गिरती बूंदें सुनाएंगी सरगम हमें
याद कोई रहेगा नहीं गम हमें
जब उड़ाएंगी आँचल ये चंचल हवा
फिर तो पागल करेगा ये मौसम हमें
बन न जाये फसाना इसी बात का
सर की चूनर अदा से उड़ाएंगे हम
होगी बरसात तो भीग जाएंगे हम
पास तन होगा पर खोया होगा ये मन
पहली पहली मुहब्बत की होगी चुभन
याद आएगा बाबुल का आँगन वही
भीग जाएंगे तब बावरे ये नयन
दर्द यादों का दिल मे जमा बर्फ सा
उसको पिघला जरा चैन पायेंगे हम
होगी बरसात तो भीग जाएंगे हम
18-07-2018
डॉ अर्चना गुप्ता