है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
कल न जाने हम यहाँ पर हो न हों !
आज का क्षण क्यों ना स्वर्णिम
हम बनालें ?@लक्ष्मण
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
कल न जाने हम यहाँ पर हो न हों !
आज का क्षण क्यों ना स्वर्णिम
हम बनालें ?@लक्ष्मण