है निवाला सामने पर तू नही
है अधूरी ज़िन्दगी अब लौट आ
बिन तुम्हारे क्या ख़ुशी अब लौट आ
अब सताऊँगा नही माँ मैं तुम्हें
कर रहा मैं वन्दगी अब लौट आ
है निवाला सामने पर तू नही
बस तुम्हारी है कमी अब लौट आ
जानता मैं बिन तुम्हारे कुछ नही
पूजता तुमको सही अब लौट आ
है अँधेरा हर तरफ तुम बिन यहाँ
राह कोई है नही अब लौट आ
– ‘अश्क़’