है दस्तूर इस जहां में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग
है दस्तूर जहां में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग
है दस्तूर जमाने में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग
कुछ भी करेंगे आप, कुछ तो कहेंगे लोग
कुछ भी न करें आप,तब भी कहेंगे लोग
चुप रहेंगे आप,पर चुप न रहेंगे लोग
कहते रहेंगे आप, कहते रहेंगे लोग
सुनते रहेंगे आप, सुनाते रहेंगे लोग
वेफिक़ हो चलते रहें, काम अपना करेंगे लोग
है दस्तूर ज़हां में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी