हे शारद देवी नमस्तुभ्यं
जय भगवती देवी नमस्तुभ्यं
हे ज्ञान प्रदायिनी नमस्तुभ्यं।
जय भगवती देवी नमस्तुभ्यं
हे ज्ञान प्रदायिनी नमस्तुभ्यं।।1।।
ब्रह्मानंदे विहारिणी माँ
परब्रह्मकांति: धारिणी माँ।
जगमात तु ब्रह्माणी
हे ब्रह्मज्ञानं प्रदा मह्यम्।। 2।। जय——
रविमयंकौ द्वे लोचनी
अज्ञानं निभा प्रकाशिनी।
हे सत्यं सनातन सुन्दरी
त्वमेव परिरम्यंभूवम्।। 3।। जय—–
मम चंचल हृदये अति विकृति:
माँ थीर हृदयं देहि सरस्वती।
मम बुद्धि:विवेको माँ शून्यं भूवि
विभा कुरु माँ सदा मह्यम्।। 4।। जय——
चरणाश्रिती माँ मूढा सुता
जड्मति हर हे शारदा।
चरणेषु सुतयै तु तारिणी
हे शारद देवी नमस्तुभ्यं।। 5।।
जय——–
उमा झा🙏