हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
मेरी विपदा अज्ञान हरो।
स्तुति करते श्रीचरणों में,
शत बार नमन स्वीकार करो।
नाहर है तेरा वाहन मां,
हीरा सा चमकता पाहन मां।
निज भक्तों का उद्धार करो,
शत बार नमन स्वीकार करो।
नव रात में तुझे मनाते मां,
जगराता तेरा कराते हैं।
अपनी कृपा हर बार करो।
शत बार नमन स्वीकार करो।
अनवरत ज्योति जलवाते हैं
और तेरा पाठ कराते हैं।
कंजके बन भोग आहार करो,
शत बार नमन स्वीकार करो।
शिव शंकर की हो अर्द्धअंग,
त्रय तापों से हम हुए तंग।
सब पाप ताप से पार करो,
शत बार नमन स्वीकार करो।
‘सृजन’ भी करता तेरा गान,
तेरी शक्ति का है उसे भान।
हरि भक्ति झोली डार करो,
शत बार नमन स्वीकार करो।
नवरात्रि की शुभकामनाएं