हुस्न तेरा ख़ुदा हो जाना है
हर कसम तोड़ पास आना है
हुस्न तेरा ख़ुदा हो जाना है
नाम बदनाम है मुहब्बत का
डूब जा गर बड़ा दीवाना है
हाल अपना अलग नही तुम से
छोड़ तुमको कहाँ अब जाना है
इश्क़ आबाद हो नही सकता
हर कदम पर खड़ा जमाना है
खेल जज़्बातों से नही मेरे
ये तो बेबात का जलाना है
यूँ दिया है फरेब मुझको वो
हुस्न को अब न आजमाना है
शान था वो बड़ी हवेली का
खण्डहर हो गया गिराना है
– ‘अश्क़’