हिन्दू नववर्ष
हिन्दूनववर्षकीमंगलकामना
नव संवत् यह हिन्दुस्तानी
सूरज जन्मा आज ।
सृजन हुआ था चन्द्र धरा का
समझो इसका राज।
नव देवी ने किया धरा पर
जीवन का विस्तार ।
नवदुर्गा का पूजन तब से
करता है संसार ।
व्रत उपवास करें नर नारी
प्राकृत जीवन संग।
शंखनाद मंदिर मंदिर में
बजते ताल मृदंग।
पूजन करते माँ के द्वारे
माँग रहे वरदान ।
खुशहाली से बीते जीवन
सुखी रहे इंसान ।
जश्न खुशी का है कण कण में
पुष्प खिले चहुँओर।
ईस्वी सन सा नहीं तमाशा
भक्ति भाव का जोर ।
नव पल्लव वृक्षों पर छाये
भर दी फिर मुस्कान ।
फसलें झूम उठी खेतों की
भरे खेत खलिहान ।
नववर्ष की मंगल कामना
तिलक लगाओ माथ।
हिन्दू वर्ष की है बधाई
कभी न छूटे साथ ।।
राजेश कौरव सुमित्र