हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया
युगों-युगों तक कबीर की वाणी,मानस को झकझोरेगी।
जो वाणी पर ध्यान धरेगा, उसके अंतस को बुहारेगी ।।
राम नाम अंतस बैठाया, और कर्म का पाठ पढ़ाया।
हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया।।
ऐंसी तीखी धार कलम की, दुनिया में कोई कह न पाया।
ईश्वर और आत्मा का, सांचा मरम बताया।।
धर्म आचरण की पोथी है,कह कबीर साखी गाया।
हर युग में प्रसांगिक हैं कबीर,साखी में गा समझाया।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी