हिद्दत-ए-नज़र
कुछ ना कहकर भी वो बहुत कुछ कह जाते हैं ,
आंखों – आंखों में दिल का हाल बता जाते हैं ,
कुछ ना सुनकर भी वो सब कुछ भांप लेते हैं ,
आंखों – आंखों में दिल का हाल जान जाते हैं ,
उनकी हिद्दत – ए – नज़र से बचना है मुश्किल ,
दिल में छुपी हर बात को वो पहचान लेते है।