Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2019 · 2 min read

हिंदुस्तान की अंतिम दुकान

#संस्मरण
और यहीं अपना उस दिन का अंतिम पड़ाव रहा, साथ में दो विद्वानज़न तो थे ही, मगर वो यहाँ तक आये नही, मेरे लिए वाकई ये जगह नई थी, बोर्ड में लिखा था हिन्दुतान की अंतिम दुकान, सोचा यादें ताज़ा रखने के लिए एक फोटुक भी ले लिया जाय, फोन तो स्टैंडर्ड वाला था ही अपना।।
इससे पहले मैंने इस जगह के बारे में बस पढ़ा और सुना था, मौका मिलते ही जा पंहुचा, वैसे कुछ चीज़ सुनने में अलग लगती है और सच्चाई बिल्कुल हट के, अपितु यहाँ ऐसा बिल्कुल भी नहीं। समुद्रतल से लगभग 3000 फ़ीट की ऊंचाई पर प्रकृति की गोद में ये जगह वाकई अद्भुत है, मैं बात कर रहा हूँ “हिंदुस्तान की अन्तिन दुकान” की, ( ऊँचाई के लिहाज से भारत का अबसे अंतिम गाँव )।।

भारत के अंतिम स्थान पर होना ही स्वयं अपने आप मे ही एक विशेष गर्व की बात होती है, बात हो रही है “हिंदुस्तान की आखरी दुकान की” । बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे माना गांव (मणिभद्रपुरम) हिन्दुस्तान की आखिरी चाय की दुकान है। इसके बाद समूचे इलाके में गश्त करते हुए फौजी ही फौजी नजर आते हैं। यहां से कुछ दूरी पर ही भारत और चीन की सीमा शुरू हो जाती है। बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने वाले ज्यादातर लोग हिन्दुस्तान की आखिरी दुकान तक जाते हैं। पिछले 25 साल से यह दुकान है, हालांकि अब चाय के अलावा अन्य खाद्य वस्तुएं भी पैकेट में मिल जाती है। साल में छह महीने यह दुकान खुलती है।

इस आखिरी दुकान की और भी खासियत है। इसके बांयी ओर मां सरस्वती का प्राचीन मंदिर है और दांयी ओर सरस्वती नदी का उद्गम स्थल।

बताया जाता है कि सरस्वती नदी की शुरूआत यहीं से हुई थी। यहां से लोग इस नदी का पानी भरकर अपने साथ लेकर जाते हैं। चूंकि चीन सीमा के नजदीक होने के कारण पहाड़ के एक ओर से झरने के रूप में पानी आता है, इसे मानसरोवर झील का जल मानकर भी लोग अपने साथ ले जाते हैं।

तो देर न कीजिये जाइये यहाँ, और आंनद लीजिए इस जगह का।।
✒️? Brijpal Singh

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 830 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
पूर्वार्थ
जिसे तुम ढूंढती हो
जिसे तुम ढूंढती हो
Basant Bhagawan Roy
*सेवानिवृत्ति*
*सेवानिवृत्ति*
पंकज कुमार कर्ण
"माटी तेरे रंग हजार"
Dr. Kishan tandon kranti
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
जिये
जिये
विजय कुमार नामदेव
सागर की हिलोरे
सागर की हिलोरे
SATPAL CHAUHAN
तुम्हें ये आदत सुधारनी है।
तुम्हें ये आदत सुधारनी है।
सत्य कुमार प्रेमी
*लेटलतीफ: दस दोहे*
*लेटलतीफ: दस दोहे*
Ravi Prakash
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
Manisha Manjari
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
*
*"शिक्षक"*
Shashi kala vyas
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
तू है लबड़ा / MUSAFIR BAITHA
तू है लबड़ा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
2824. *पूर्णिका*
2824. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
तुम्हारी छवि...
तुम्हारी छवि...
उमर त्रिपाठी
चाह और आह!
चाह और आह!
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मेरा नसीब
मेरा नसीब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रभु श्री राम
प्रभु श्री राम
Mamta Singh Devaa
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
#लघुकथा / #बेरहमी
#लघुकथा / #बेरहमी
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...