Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2023 · 2 min read

*हिंदी गजल/ गीतिका : एक अध्ययन*

हिंदी गजल/ गीतिका : एक अध्ययन
➖➖➖➖➖➖➖➖
हिंदी गजल/ गीतिका हमारी दृष्टि में इस प्रकार है :-
1) जैसा कि नाम से स्पष्ट है, हिंदी गजल/ गीतिका हिंदी भाषा में लिखी जाती है । इसमें हिंदी के शब्दों का प्रयोग होता है। स्वाभाविक रूप से हम गजल के उस स्वरूप से भिन्न हैं, जिसमें अरबी और फारसी के शब्दों की भरमार होती है । विशेष रूप से अरबी-फारसी के अप्रचलित शब्दों के प्रयोग से तो हम अवश्य परहेज करते हैं । हॉं, अरबी-फारसी के ऐसे शब्द जो सैकड़ों वर्षों के प्रचलन के कारण लोक-व्यवहार में आ चुके हैं, हमें उनके प्रयोग में कोई आपत्ति नहीं है । इस तरह हम बोलचाल की भाषा को ‘हिंदी गजल’ कहते हैं । हिंदी के समाचार पत्रों तथा स्कूल की पढ़ाई के कारण हिंदी भाषा के नए-नए शब्द आधिकाधिक प्रयोग में आ रहे हैं । हम उनका भली प्रकार से उपयोग करना उचित समझते हैं।
2) अरबी-फारसी के ऐसे शब्द जिसमें अक्षरों के नीचे ‘नुक्ते’ लिखे होते हैं, हम बिना नुक्ता लगाए प्रयोग में लाते हैं । नुक्ता न लगाने के पीछे कारण यह है कि हमें अरबी और फारसी भाषा का ज्ञान नहीं है । इसके अलावा भी क्योंकि हम प्रचलित शब्दों को ही प्रयोग में लाते हैं, अतः नुक्ता न लगने से उनका अर्थ समझने में हमें कोई दिक्कत नहीं होती । अगर कोई नुक्ता लगाता है, तो यह उसकी मर्जी है ।
3) हम हिंदी गजल लिखते समय विषम संख्याओं में शेर लिखने में विश्वास नहीं करते अर्थात यह जरूरी नहीं है कि हम पॉंच, सात या नौ शेर की ही गजल लिखें । हम छह ,आठ या दस शेर की भी गजल लिखने में कोई बुराई नहीं मानते ।
4) हम गजल के साथ स्त्री-पुरुष के आकर्षण अथवा इश्क आदि कोमल विचारों को अनिवार्य रूप से जोड़ना उचित नहीं मानते हैं। किसी सीमित दायरे से निकल कर विचारधारा के स्तर पर हिंदी गजल बहुत व्यापक हो जाती है।
5) हम अरबी-फारसी के परंपरागत सॉंचे में ही गजल नहीं लिखते । इसलिए दोहे के शिल्प में भी हमें गजल लिखना प्रिय है ।
6) हमारा अभिप्राय गजल के परंपरागत सॉंचे को आधार मानकर अपनी बात को पाठकों और श्रोताओं तक पहुॅंचाना है । हम इसमें परंपरागत शिल्प की बारीकियों में उलझना नहीं चाहते।
7) जो कुछ हम हिंदी गजल के नाम पर लिख रहे हैं, वह अगर गजल नहीं है तो हम इसे ‘गीतिका’ कहना ज्यादा उपयुक्त समझेंगे । नाम कुछ भी दिया जाए, हमें मूलत पाठकों तक पहुॅंचने से मतलब है।
➖➖➖➖➖➖➖➖
लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
492 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
चांद पर उतरा
चांद पर उतरा
Dr fauzia Naseem shad
2807. *पूर्णिका*
2807. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-214💐
💐प्रेम कौतुक-214💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
जगदीश शर्मा सहज
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
पूर्वार्थ
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
सच्ची बकरीद
सच्ची बकरीद
Satish Srijan
कर्म का फल
कर्म का फल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
Paras Nath Jha
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
Rajesh vyas
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
लक्ष्मी सिंह
भीड़तंत्र  (कुंडलिया)
भीड़तंत्र (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मोबाईल की लत
मोबाईल की लत
शांतिलाल सोनी
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
सेंगोल जुवाली आपबीती कहानी🙏🙏
सेंगोल जुवाली आपबीती कहानी🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
Ray's Gupta
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
#सबक जिंदगी से #
#सबक जिंदगी से #
Ram Babu Mandal
इश्क़ का फ़लसफ़ा
इश्क़ का फ़लसफ़ा
*Author प्रणय प्रभात*
झूठा घमंड
झूठा घमंड
Shekhar Chandra Mitra
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...