हाइकु
हाइकु
************
सूरज छिपा
जल उठे दीपक
रात हो गई
सूरज जागा
हँस पड़ी किरणें
अंधेरा भागा
लेकर ओट
छुप गया सूरज
घटा छा गई
सूरज उगा
मुस्कुरा उठा भोर
चहके पंछी
तप्त सूरज
ज्येष्ठ की दुपहरी
उगले आग
********
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर(झज्जर)
हरियाणा