हसीं चेहरे पे आँसू, क़यामत है
1222 + 122 + 1222
हसीं चेहरे पे आँसू, क़यामत है
खुदा का क़हर है, और आफ़त है
नज़र भर देख लेना, ज़रा हँसना
तुम्हें किसने कहा, ये महब्बत है
सभी को खूब भाये तिरी सूरत
इसी से तूने तोड़ी क़यामत है
तुझे किसने कहा है कि खुश हूँ मैं
ग़मों में मुस्कुराना, ये फ़ितरत है
अदा समझे हो दिल तोड़ देने को
यही क्या दिल लगाने की क़ीमत है
कहाँ समझे महावीर तुम उनको
जहाँ दिल टूटना ही महब्बत है