हसरतें
बचा ही क्या, जब दिल की हसरते ही गिर गई,
क्या मायने है,जब खुद की बातें ही याद नहीं,
क्या फर्क पडता है,
अब लोग मांगकर खाये या मारकर..
चल चलकर देख,खुद अपने बनाये हुए रास्ते पर,
एक अकेला ही रह जायेगा.
नाम दे महाकाल, या फिर कर कोई बबाल,
अपने पीछे भीड़ खडे पायेगा.
मेड इन इंडिया, सुनने को तरस गये,
मेक इन इंडिया, गिनाने लगा परिणाम, नया आ गया,
जो पुराना था, नाम बदल बदलकर.
एक शमशान घाट रह गया.