हलक पर ही टिकी सांसें
हलक पर ही टिकी सांसें
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थमी धड़कन रुकी सांसें
हलक पर ही टिकी सांसें|
उधारी में कटा जीवन,
बिना कीमत बिकी सांसें|
डगर से क्यों रही भटकी,
सही पथ से हटी सांसें|
हुई मुश्किल नहीं जीना,
न जाने क्यों फटी सांसें|
छुड़ा पाया न मनसीरत,
मगर गिरवीं रखी सांसें|
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)