हर दुआ हमेशा और हर हाल में
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
दुआ जैसी नहीं लगती।
वो कभी-कभी बद्दुआ सी भी
महसूस होने लगने लग जाती है।
★प्रणय प्रभात★
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
दुआ जैसी नहीं लगती।
वो कभी-कभी बद्दुआ सी भी
महसूस होने लगने लग जाती है।
★प्रणय प्रभात★