हरियाली तीज
जीवन नय्या के खेवनहार तुम्हीं हो
तुम्हीं गहना हो मेरा श्रृंगार तुम्हीं हो
मेरी तो पायल की झनकार तुम्ही हो
बिंदिया, चूड़ी, कंगना, हार तुम्हीं हो
प्रकृति का अनुपम उपहार तुम्ही हो
जीवन का सार, मेरा संसार तुम्ही हो
पिया तुम्हीं तो हो पावन बसंत मेरे
सावन का गीत और मल्हार तुम्हीं हो
तुम्हें देखकर जनम लेती हैं कविताएं
मेरे रस-छंद तुम, अलंकार तुम्हीं हो
धन की चाह नहीं मन में बसाए रखना
मेरी जमा पूंजी तुम, व्यापार तुम्हीं हो
जुग-जुग का संग है हमारा-तुम्हारा
सातों जनम के मेरे सरकार तुम्हीं हो
जी ये चाहे तुम्हीं को पढूं में रात-दिन
मेरी किताब तुम हो, अखबार तुम्हीं हो
@ अरशद रसूल