हरियाली तीज।
हरियाली तीज।
श्रावण मास की शुक्ल तृतीया को,
ये त्यौहार मनाया जाता है।
खुशियों के मंगल गीतों को गाया जाता;
गुनगुनाया जाता है।
शिव-पार्वती के पुनः मिलन का,
ये त्योहार है।
विवाह की शुभ कामना का,
शुभ उपहार है।
प्रकृति जाती है खिल,
प्रकृति हरी-हरी हो जाती है।
हरियाली से भर जाती,
हरियाली से भरी-भरी हो जाती है।
कहीं ये हरियाली तीज,
कहीं कजली तीज कहलाती है।
जब भी आती ये तीज,
मन को अति भाती है।
महिलाएँ खुश होतीं,
हरेक सजती संवरती है।
खिलती है प्रकृति,
सुगन्ध से भरती है।
बरसता है सावन,
गरम मौसम शीतल हो जाता है।
त्यौहार मनाती प्रकृति,
हरियाली तीज का त्यौहार मनभाता है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,द्वारका, नई दिल्ली-78