हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
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हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार
हमने जग का कर दिया, पूरा बंटाधार
पूरा बंटाधार , दिया बचपन को धोखा
बच्चों को कब शेष ,भूमि का जल सब सोखा
कहते रवि कविराय, न सोचे अगर अभी सब
रेगिस्तानी देश , बनेगा हरा-भरा अब
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 545 1