हरतालिका तीज
हरतालिका तीज
प्रण साध सखी उपवास रहे, अहिवात अखण्ड सु-संग न छूटे।
कट जाय अमंगल प्राण बचे पति संग जुड़ा यह डोर न टूटे।
व्रत नीर बिना यह तीज करें सुखसाध्य अनश्वर भाग्य न फूटे।
यह जीवन रूष्ट भले उससे मनमीत बना वह प्रीत न रूठे।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’