*हम हैं शाकाहारी (गीत)*
हम हैं शाकाहारी (गीत)
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कहो गर्व से दुनिया भर से ,हम हैं शाकाहारी
(1)
सारा जीवन रहे बिताते ,कंद-मूल-फल खाते
दूध-दही की नदी देखती ,दुनिया हमें बहाते
रोटी-चावल खाने वाले ,हम सौ-सौ पर भारी
(2)
गाय-भैंस का दूध पिया है ,हमने इन्हें न मारा
जमता दही दूध से है जो ,लगता हमको प्यारा
पशुओं का वध करने वाली ,संस्कृति नहीं हमारी
(3)
हमने कभी नहीं मुर्गा ,घर लाकर सुनो पकाया
नहीं माँस को होटल जाकर ,हमने हर्गिज खाया
मित्र दाल-चटनी है अपनी ,नहीं माँस से यारी
कहो गर्व से दुनिया भर से ,हम हैं शाकाहारी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451