हम साथ हैं
साथी हम सब साथ हैं ,दियो आज देखाय ।
लक्ष्मण रेखा से अलग ,दियो चिराग जलाय ।
दियो चिराग जलाय ,बन मिशाल एकता की ।
फिर एक बार जले ,ज्योति अखंड समता की ।
सभीं चलें उस ओर ,जहाँ ले चले सारथी ।
लड़ें साथ सब जंग ,गरीबों के बन साथी ।
-जय श्री सैनी ‘सायक’