हम सब मजदूर है
कोई अपने परिवार के लिए मजदूर है
कोई सरकार के लिए मजदूर है
कोई अपने बच्चो के लिए मजदूर है
मजदूरी में कोई बुराई नहीं है
मजदूरी तो श्रम है
या कोई परिश्रम है
कोई मंदिर में मजदूर हैं
पुजारी भी तो मजदूर होते है
सब पेट के लिए मजदूर है
मजदूरी केवल खेतो में नहीं होती है `
हर मजदूर भगवन का प्यारा होता है
न कोई चिंता न फ़िक्र
होली दिवाली सब उसकी एक जैसी होती है
मजदूरी का आलम ये होता है
घर पहुंचकर बच्चो का मजदूर होता है
मजदूर ही सपना देखता है
उनको पूरा भी वही करता है
हम सब मजदूर है
हर कोई मजदूरी कर रहा है
मजदूर अपनी मर्जी का मालिक होता है
मजदूर महान होता है
गरिमा