Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

हम भी कैसे….

नव-गीत

हम भी कैसे
पागल जैसे भी
हॅंसते रोते हैं….

होश संभाला
जब से हमने
देखा बंटवारा
देश बंटा
आरक्षण लाकर
बांटा भाई चारा ।

राजनीति के दलदल में
कुछ विष पीकर जीते हैं..

एक संगठित
ग्राम इकाई
टुकड़े टुकड़े टूटी
दलगत राजनीति में फंसकर
राष्ट्रीय एकता
फिरती रूठी रूठी…

धर्म निरपेक्ष देश बताकर
बहुमत को अल्प किये हैं….

न्याय को
अन्याय मानता
अन्याय को न्याय
नेता अपने पाखंडों से
खेत खेत में
बोते हाय…

जाति-पाति के बिछे दर्प पर
आपा खोते हैं…

हम भी कैसे
पागल जैसे
हॅंसते रोते हैं ।

70 Views
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all

You may also like these posts

*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
Ravi Prakash
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
..
..
*प्रणय*
- ना रुक तू जिंदगी -
- ना रुक तू जिंदगी -
bharat gehlot
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
Neelofar Khan
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
2584.पूर्णिका
2584.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम वही हो
तुम वही हो
ललकार भारद्वाज
तेरा मेरा नाता
तेरा मेरा नाता
Akash RC Sharma
दाता
दाता
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
फेर ना होई रात ई
फेर ना होई रात ई
Shekhar Chandra Mitra
जीत का विधान
जीत का विधान
संतोष बरमैया जय
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
Dr MusafiR BaithA
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
VEDANTA PATEL
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुठिया छोटी सी )
कुठिया छोटी सी )
Dr. P.C. Bisen
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
आर.एस. 'प्रीतम'
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
Rashmi Sanjay
monalisa
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सब कुछ मिट गया
सब कुछ मिट गया
Madhuyanka Raj
अभी तो आये थे तुम
अभी तो आये थे तुम
प्रदीप कुमार गुप्ता
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...