हम भारतीयों का मूल कर्तव्य
एक भारतीय बनने के लिए केवल कानूनन रूप से ही नही बल्कि इसके साथ साथ मन से, कर्म से, धर्म से भारतीय होना अत्यावश्यक है ।
अगर संवैधानिक दृष्टि से हम देखे तो वो व्यक्ति जिसका जन्म भारत मे हुआ हो तो वो भारतीय कहलाएगा अथवा अगर माता या पिता में से कोई एक भी अगर भारतीय हो तो भी वह भारतीय कहलाएगा बशर्ते कि इसकी पुष्टिकरण व कानूनी कार्यवाही के पश्चात सिद्ध होने पर ।
लेकिन इससे भी सबसे महत्वपूर्ण बात ये होनी चाहिए कि हमारा तन, मन, धन सर्वथा हमारे भारत देश पर ही न्यौछावर होना चाहिए । इसकी माटी की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य और धर्म होना चाहिए । क्योंकि भारत केवल देश का ही नाम नही है । इसका अर्थ बहुत गहरा है ।
हम 15 अगस्त एवम 26 जनवरी को नारे लगाते है “भारत माता की जय” जब हम भारत माता की जय बोलते है तो इस जयकारे में सभी इकाइयां आ जाते है जो हमारे भारत देश का हिस्सा है जिससे देश के विकास में योगदान मिलता है । जैसे – समस्त देशवासी जो किसी भी देश के मुख्य नींव होते है, हमारे देश मे कल कल बहने वाली नदिया जिससे सभी मनुष्यों तथा प्राणिजगत की प्यास बुझती है, जंगल जिससे हमारी जरूरते पूरी होती है और पारिस्थितिकी तंत्र का संचालन होता है तथा वन खाद्य श्रृंखला का मुख्य अंग है । इत्यादि की जय बोलते है ।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हम एक लोकतांत्रिक देश मे निवास कर रहे है । जो हमारे देश के स्तंभों में से एक है । जहां बहुमत से लोगो ही द्वारा अपने मनपसंद शासक को चुना जाता है । एक भारतीय होने के नाते हर वयस्क का कर्तव्य होता है कि मतदान में अपना छोटा सा योगदान कर देश को एक अच्छा शासक के चयन में सहायता कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में योगदान दे ।
इस प्रकार से ये भी एक अच्छा और जिम्मेदार भारतीय होने का पुख्ता उदाहरण है ।
© गोविन्द उईके