Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2023 · 1 min read

हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से (गीत)

हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से (गीत)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से
(1)
हमें दो वस्तुएँ जग में, भले कम या भले ज्यादा
हमें देना सदा निर्लोभ, जीवन शुभ सरल सादा
हमें साहस अमिट देना, न घबराएँ प्रहारों से
(2)
भँवर में फँस अगर जाएँ, उबरना हमको सिखलाना
हमें सागर से आ जाए, किनारे तैर कर जाना
डरें बरसात-गर्मी से, नहीं जाड़ों की मारों से
हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से
_____________________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र)
मोबाइल 9997615451

557 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
सूरज दादा ड्यूटी पर
सूरज दादा ड्यूटी पर
डॉ. शिव लहरी
" जुदाई "
Aarti sirsat
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
हरवंश हृदय
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
अपमान समारोह: बुरा न मानो होली है
अपमान समारोह: बुरा न मानो होली है
Ravi Prakash
जनता जनार्दन
जनता जनार्दन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
Vishal babu (vishu)
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
#सम_सामयिक
#सम_सामयिक
*Author प्रणय प्रभात*
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
*हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान है*
*हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लोग खुश होते हैं तब
लोग खुश होते हैं तब
gurudeenverma198
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
'अशांत' शेखर
2841.*पूर्णिका*
2841.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...