Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 2 min read

हमने देखा है हिमालय को टूटते

हमने देखा है हिमालय को टूटते

हमने देखा है हिमालय को टूटते

सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस

स्वयं के अस्तित्व को टटोलता

मानव मन को टोहता

सहज अनुभूतियों के झिलमिलाते रंग फीके पड़ते

एक नई सहर की दास्ताँ लिए

समय के साथ संवाद करता

कहीं दूर आशा की किरण के साथ

फिर से पंखों पर उड़ने को बेताब

हमने देखा है हिमालय को टूटते

अस्तित्व खोता विशाल बरगद जिस तरह

अंतिम पड़ाव पर स्वयं के जीवन के

मानव मन की भयावह तस्वीर पर

चीख – चीखकर पूछ रहा हिमालय

हे मानव तुम कब जागोगे

क्या मैं जब मिट जाऊंगा , तब जागोगे

प्रकृति से ही जन्मा मानव

स्वयं को प्रकृति से भिन्न

समझने की

स्वयं की इच्छाओं से बंधा मानव

स्वयं की इच्छाओं के अनियंत्रित प्रमाद में

प्रकृति को रौंदता अविराम

प्रकृति ने हम शिशुपालों को

सदियों किया माफ़

अंत समय जब पाप का घड़ा भरा

मानव अपने अस्तित्व को तरसता

स्वयं के द्वारा मर्यादाओं की टीस झेलता

हिमालय , बर्फ्र रहित बेजान पत्थरों – पहाड़ियों का

समूह न होकर

प्रकृति निकल पड़ी है तलाश में

स्वयं के अस्तित्व को गर्त में जाने से बचाने

चिंचित है प्रकृति , हिमालय के अस्तित्व को लेकर

हिमालय कहीं खो गया है

महाकवि कालिदास की रचना

ऋतुसंहार से उपजी हिमालय की अद्भुत गाथा

कालिदास कृत कुमार संभव में हुआ हिमालय का गुणगान

विविधताओं से परिपूर्ण हिमालय

भारत का ह्रदय , भारत का जीवनदाता , पालनहार

हिमालय

पर्यावरण संरक्षण रुपी संस्कृति वा संस्कारों की बाट

जोहता हिमालय

स्वयम के अस्तित्व को मानव अस्तित्व से जोड़कर

देखता हिमालय

बार – बार यही चिंतन करता

क्या जागेगा मानव और जागेगा तो कब

क्या मानव मेरे अस्तित्व हित

स्वयं के हित का प्रयास करेगा

और यदि ऐसा नहीं हुआ तो

हिमालय और मानव किस गति को प्राप्त होंगे

क्या इसके प्रतिफल स्वरूप होगा

एक सभ्यता का विनाश

एक सभ्यता का विनाश

एक सभ्यता का विनाश

Language: Hindi
1 Like · 403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
कवि रमेशराज
दीदार-ए-इश्क
दीदार-ए-इश्क
Vivek saswat Shukla
साल में
साल में
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
अनुराग दीक्षित
Meri najar se khud ko
Meri najar se khud ko
Sakshi Tripathi
-चरवेति-चरवेति आया 2024
-चरवेति-चरवेति आया 2024
Seema gupta,Alwar
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
थोड़ा थोड़ा
थोड़ा थोड़ा
Satish Srijan
और तो क्या ?
और तो क्या ?
gurudeenverma198
मेरा देश महान
मेरा देश महान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
#शुभ_रात्रि-
#शुभ_रात्रि-
*प्रणय*
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
यूँ डरकर मत लौट चलो, इतने करीब आकर।
यूँ डरकर मत लौट चलो, इतने करीब आकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4100.💐 *पूर्णिका* 💐
4100.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
उन यादों को
उन यादों को
Dr fauzia Naseem shad
किराये का घर
किराये का घर
Kaviraag
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
गुंजन राजपूत, मित्रता की मिसाल हो,तुम्हारी मुस्कान में हर दि
गुंजन राजपूत, मित्रता की मिसाल हो,तुम्हारी मुस्कान में हर दि
पूर्वार्थ
सजल
सजल
seema sharma
*सपोर्ट*
*सपोर्ट*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
Rj Anand Prajapati
Loading...