हनुमान वंदना
चौपाई छंद
हनुमान की शोभा न्यारी ।
लाल देह मुद्गर कपि धारी।।
राम नाम रटते दिन राती।
राम लखन सीता मन आती।।
शंकर स्वयं नाम बजरंगी ।
राम कथा हित सबके संगी।।
भक्तों के सब संकट हरते।
भक्त भाव से आरती करते ।।
आरति भक्त करें हर्षाई।
राम दूत रामहि की नाई ।।
मंदिर पूजित है भगवाना।
प्रहरी आप स्वयं हनुमाना।।
मंगल हो सब काम हमारे ।
जीवन जीते राम सहारे ।।
राम नाम श्रद्धा जो भजते ।
हनूमान संकट सब हरते।।
हनूमान कलयुग के राजा ।
सुमिरन से बनते सब काजा।।
मंगल कर्ता जग बजरंगी ।
राम भक्त संतों के संगी।।
मंगलवार आपको प्यारा ।
इस दिन लिया आप अवतारा ।।
शनीदेव माँगा वरदाना ।
शुभ पूजन शनिवारी माना ।।
पूजन कर सिंदूर चढाते।
कार्य सभी मंगल हो जाते।।
धन्य भक्त हनुमान गुसाईं।
रक्षा करो गुरू की नाईं ।।
राजेश कौरव सुमित्र