स्वागत !
स्वागत, नववर्ष का!
स्वागत है नववर्ष तुम्हारा!
स्वागत है नव भोर का!
नए सूर्य का स्वागत है!
स्वागत है चहुं ओर का!
स्वागत की इस मधुर घड़ी में,
बादल अमृत बरसाओ !!
जागो फूलों!
आंखें खोलो!
मधु रस अपना छलकाओ !
आओ चिड़ियों!
छेड़ो मल्हार राग!
मधुर -मधुर मंगल गाओ !
इंद्रधनुष! गगन में छाओ!
रंग गगरिया भर लाओ!
नयी कोंपलों! हाथ उठाओ!
स्वागत का जयमाल संभालो!
गौ-बछड़ों की टोली आओ!
मां मीठी को अभी बुलाओ!
स्नेह मिलन में सब रंभा लो!
स्वागत साज में शंख बजा लो!
लहरों! तुम दीपक बन जाओ!
चन्दन खुशबू बिखराओ !
आओ बहारों एक साथ मिल!
दूर-दूर मत छितराओ !
नदियों जल का दे दो आचमन!
सागर सुख हुंकार भरो !
पर्वत शीश उठाओ! देखो!
घाटी प्रेम पुकार करो!
आओ तितली!
भौंरे आओ!
गुनगुन कर सब ताल मिलाओ! शीतल-मद्धम पवन चलो!
सब वृक्षों रूमाल हिलाओ!
मंदिर-मंदिर बजे ढोल अब,
आओ सब झंकार उठाओ!
दूब उठाओ तिलक थाल तुम!
नव किरणों को तिलक लगाओ!
धरती मां इस बड़े थाल को,
आरती हेतु आप घुमाओ!
फूटो अंकुर, धोरे-धोरे !
शुभ स्वागत में चौक पुराओ!
कितनी अदभुत!
कितनी अनोखी!
स्वागत घड़ी है नए साल की!
उठो मनुज!
आशाओं का ले गुलदस्ता!
चलो राह, जीवन नद विशाल की!
मंगलमय सर्व शुभकारी हो,
अमृत वेला नए साल की!!
विमला महरिया “मौज”