Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2024 · 1 min read

स्वप्न ….

स्वप्न ….

चोट लगते ही छैनी की
शिला से आह निकली।
जान होती है पत्थर में भी
ये अहसास हुआ आज।
छीलता रहा पत्थर को
निकालना था एक स्वप्न
बुत की शक्ल में
उसके गर्भ से।

रो दी शिला
जब स्वप्न
बुत में धड़कने लगा।
क्या हुआ जो
रिस रहा था खून
मूर्तिकार के हाथ से।

सुशील सरना/11-1-24

119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
चंद्रयान ने चांद से पूछा, चेहरे पर ये धब्बे क्यों।
चंद्रयान ने चांद से पूछा, चेहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
नमः शिवाय ।
नमः शिवाय ।
Anil Mishra Prahari
*साथ निभाना साथिया*
*साथ निभाना साथिया*
Harminder Kaur
ग़रीब
ग़रीब
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
ग़र कुंदन जैसी चमक चाहते हो पाना,
ग़र कुंदन जैसी चमक चाहते हो पाना,
SURYA PRAKASH SHARMA
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
"दुविधा"
Dr. Kishan tandon kranti
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कर्म कांड से बचते बचाते.
कर्म कांड से बचते बचाते.
Mahender Singh
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
#नवगीत-
#नवगीत-
*प्रणय प्रभात*
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
2584.पूर्णिका
2584.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
परीक्षा
परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Loading...