स्तुति – गणपति
एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – दिल्ली
स्तुति – गणपति
देवा ओ देवा श्री गणपति देवा
रखना सबका ध्यान
दुखी न कोई जन हो जाए
देना ये वरदान
ऋद्धि सिद्धि के आप हो दाता
विकट स्थिति से सबको हो उबारते
मन मंदिर के मालिक स्वामी
सुख कर्ता विघ्न हर्ता
सबकी स्थिति सुधारते
आपके दर से खाली जाए
ऐसा हो तो प्रलय ही आए
आपके चरणों से मिलता है सबको ये संज्ञान
देवा ओ देवा श्री गणपति देवा
रखना सबका ध्यान।
दुखी न कोई जन हो जाए
देना ये वरदान
मेरे मालिक सबके मालिक
शिव शंकर है जिनके तात
स्तुति आपकी गाते हैं हम करना हे प्रभु कल्याण
महिमा आपकी अति निराली
छवि उस पर सबसे भोली भाली।
संकट से हो आप बचाते
देते आशीष महान
देवा ओ देवा श्री गणपति देवा
रखना सबका ख्याल
दुखी न कोई जन हो जाए
देना ये वरदान