*सोरठा छंद*
सोरठा छंद
म्है बाळक अणजांण, डोरी थ्हारे हाथ में।
तणकी राखै तांण, मार्ग भटकूं न मावड़ी।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️
सोरठा छंद
म्है बाळक अणजांण, डोरी थ्हारे हाथ में।
तणकी राखै तांण, मार्ग भटकूं न मावड़ी।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️