सोच
अगर अलग करना तुझे, रखो सोच कुछ खास ।
है मुश्किल कुछ भी नहीं,हो खुद पर विश्वास।।१
आस और विश्वास से,रखना सोच बुलंद।
खुली सोच में ज़िन्दगी,पाती है आनंद।। २
लगे स्वर्ग सी ये धरा, लगे किसी को नर्क।
बस होता है सोच का,रत्ती भर का फर्क।। ३
मत रख ओछी सोच तुम,पाँव पड़ेगा मोच।
मंजिल पाता है वही, जिसकी ऊँची सोच।। ४
सही दिशा में सोचना, संकल्पों के संग।
दृढ़ निश्चय हो कर बढ़ो, जीतोगे हर जंग।। ५
बीती बातें सोच कर,होना नहीं उदास।
जीवन में आगे बढ़े, करते रहें प्रयास।। ६
सोच समझ कर कीजिये, अपने सारे काम ।
कदम सफलता चूँमती,होता जग में नाम।। ७
सदा सोच ऐसी रखो, जिसमें हो विश्वास।
इंसानों की कद्र हो, दर्दों का अहसास।।८
जनमत की हर सोच जब ,होगा एक समान।
गुल-सा ये गुलशन बने, प्यारा हिन्दुस्तान ।। ९
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली