सूर्य राजा (कुंडलिया)*
सूर्य राजा (कुंडलिया)*
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जागा सूरज खिल उठी ,मीठी – मीठी धूप
पलकों के पट ज्यों खुले ,दिखता शुभ्रा रूप
दिखता शुभ्रा रूप , कोहरा अब कब छाया
बिखरा था संगीत , गीत धरती ने गाया
कहते रवि कविराय ,चोर जाड़ा कह भागा
होकर अश्व सवार , सूर्य राजा है जागा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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पट = पर्दा , किवाड़ का पल्ला ,वस्त्र