सूरमा ऐसा ना मिला कोई
सूरमा ऐसा ना मिला कोई
वक़्त को बाँध ना सका कोई
जो मिरा साथ छोड़ बैठे हैं
उनसे मुझको है ना गिला कोई
इश्क़ बरबाद कर गया जिनको
सामने उनके ना हँसा कोई
बाद तेरे भी कितने ही लोग थे
दूसरा तुमसा ना मिला कोई
सूरमा ऐसा ना मिला कोई
वक़्त को बाँध ना सका कोई
जो मिरा साथ छोड़ बैठे हैं
उनसे मुझको है ना गिला कोई
इश्क़ बरबाद कर गया जिनको
सामने उनके ना हँसा कोई
बाद तेरे भी कितने ही लोग थे
दूसरा तुमसा ना मिला कोई