सुर्ख आरिज़ों पे ….
सुर्ख आरिज़ों पे ….
सुर्ख आरिज़ों पे गुलाब रखते हैं
…वो चिलमन में शराब रखते हैं
…….ले न ले कोई नज़र बोसा उनका
…………छुपाके ज़ुल्फ़ों में शबाब रखते हैं
सुशील सरना
सुर्ख आरिज़ों पे ….
सुर्ख आरिज़ों पे गुलाब रखते हैं
…वो चिलमन में शराब रखते हैं
…….ले न ले कोई नज़र बोसा उनका
…………छुपाके ज़ुल्फ़ों में शबाब रखते हैं
सुशील सरना