सुनी कहानी हमने दादी नानी से
सुनी कहानी हमने दादी नानी से
शुरू हुआ करती थीं राजा रानी से
बचपन में तो मनमानी चल जाती है
मगर जवानी मत खोना नादानी से
गुस्से के बदले लो काम प्यार से तुम
बुझती है हर आग हमेशा पानी से
टेढ़ी मेढ़ी सी हैं सुख दुख की राहें
नहीं बीतता जीवन ये आसानी से
शेर मुकम्मल कैसे हम माने इसको
जुड़ा नहीं जब ऊला मिसरा सानी से
सत्कर्मों से जीवन सफल करो अपना
जीत ‘अर्चना’ दिल लो मीठी बानी से
08-02-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद