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19 Oct 2022 · 1 min read

*सुखद सुहानी धूप (कुंडलिया)*

सुखद सुहानी धूप (कुंडलिया)
__________________________________
आई शीत मधुर लिए, सुखद सुहानी धूप
सोने-जैसा रंग है, निखरा प्यारा रूप
निखरा प्यारा रूप, मूॅंगफलियॉं जग खाता
पॉपकॉर्न का स्वाद, नजर ठेले पर आता
कहते रवि कविराय, गई वर्षा दुखदाई
आया नव-उत्साह, देह में फुर्ती आई
_________________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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