सुंदर सृष्टि है पिता।
ईश्वर की अति उत्तम कृति है पिता,,,
धैर्य की संयम रूपी सुंदर सृष्टि है पिता!!!
परिवार रूपी बगिया को,,,
माली बनकर जीवन भर लहू से सीचता है!!!
प्रत्येक दिन पिता मेहनत करके,,,
बार बार अपने पसीने से भीगता है!!!
पिता नारियल के फल जैसा होता है,,,
बाहर से सख्त अंदर से नर्म,कोमल सा होता है!!!
कहने को वह परिवार का मुखिया होता है,,,
परंतु जीवन पर्यंत इसके लिए पिता कष्ट सहता है!!!
पुत्र की सफलता पर सबसे अधिक पिता को गर्व होता है,,,
पिता हो तो बच्चे का प्रत्येक दिन संसार का पर्व होता है!!!
आसमान से बड़ा पिता का ह्रदय होता है,,,
सन्तान के लिए भरा सदैव इसमें प्रेम द्रव होता है!!!
पिता की दृष्टि में बच्चे कभी बड़े ना होते है,,,
हो कितनी भी आयु उसके लिए बच्चे बचपने से होते हैं!!!
वह बात अलग है पिता कभी सामनें से आकर प्रेम नहीं जताता है,,,
समंदर से भी गहरा अपना पुत्र मोह कभी खुलकर नहीं बताता हैं!!!
प्रत्येक जीवन में पिता का अंश होता है,,,
पिता के कारण ही समाज में वंश होता है!!!
परिवार की खातिर पिता ना जानें कितने दंश सहता है,,,
तब कहीं जाकर एक परिवार संपन्न होता है!!!
ईश्वर कितने बच्चों को बाजार से खिलौने दिलाकर लाता,,,
इसीलिए उसने प्रत्येक बचपन को दे दिया तोहफा पिता का!!!
पिता के धैर्य के अतिरिक्त पुत्र की हठ कौन पूरी कराता,,,
ईश्वर भी पिता नाम का नायक ना बनाता तो बहुत पछताता!!!
पिता के चार बोल,”मैं तुम्हारें साथ हूं” पुत्र की निराशा को ख़त्म कर देते है,,,
हो कितनी भी बड़ी मुसीबत, पुत्र में लड़ने का जोश भर देते है!!!
पिता की आंखों में भी आश्रु धारा होती है,,,
जो पुत्र के लिए अविरल चुपके से अकेले में बहती है!!!
जिम्मेदारी में पिता की जिंदगी कितने कष्ट सहती है,,,
उपहार स्वरूप बदलें में हमसे प्रेम के अतिरिक्त कभी कुछ ना लेती है!!!
सभी से प्रार्थना है पितृ भक्ति अनिवार्य है,,,
करनी सभी को यह स्वीकार्य है!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ