सुंदर नयन सुन बिन अंजन, सुंदर नयन सुन बिन अंजन, स्वर हैं व्यर्थ न हों यदि व्यंजन। राग व्यर्थ गर न हो गुंजन। सुर बिन गीत न करते रंजन।