सीखो दूध उबालना, बड़े धैर्य का काम (कुंडलिया)
सीखो दूध उबालना, बड़े धैर्य का काम (कुंडलिया)
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सीखो दूध उबालना , बड़े धैर्य का काम
बर्तन से निकले नहीं , तो समझो ईनाम
तो समझो ईनाम , नजर को पैनी रखना
चूका जिसका ध्यान , दंड फिर उसको चखना
कहते रवि कविराय , सजग जीवन में दीखो
रखो आँच पर दूध , उबलता कैसे सीखो
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रवि प्रकाश : बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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