सिर्फ तेरी वजह से
सच तेरी वजह से,
मुझको प्यार हुआ है,
चमन की इन कलियों से,
जो बनेगी बहार वतन में,
या किसी विजेता के विजय में,
गले के हार की शोभा,
या फिर किसी के घर में,
पूजा के श्रद्धा सुमन,
इसीलिए सींच रहा हूँ इनको,
अपने पसीने की बूंदों से।
सिर्फ तेरी वजह से,
करनी पड़ती है मुझको,
वकालत महिलाधिकारों की,
छोड़नी पड़ती है अपनी सीट,
किसी कतार या बस में मुझको,
दबाकर पुरूष रूपी अहंकार को,
सहनी पड़ती है अपनी बेइज्जती,
झुकानी पड़ती है अपनी नजर।
सिर्फ तेरी वजह से,
उम्मीद है मुझको कि,
ये पार नहीं करें लक्ष्मण रेखा,
और नहीं करें ऐसा नवनिर्माण,
जिसमें मलिन छवि हो,
देश के भविष्य की,
तुमसे बहुत जो प्यार है मुझको।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847