सिर्फ एक बार पापा
शीर्षक: सिर्फ एक बार पापा
आ जाओ सिर्फ एक बार पापा
चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा
कितना सुंदर नजारा था अपने गाँव का
चाची ,ताई बैठाती थी पलको पर
जीवन भर नही भूल नही पाऊंगी अपना प्यारा गॉव
आ जाओ सिर्फ एक बार पापा
चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा
को पक्षियो का कलरव करना
कोयल की मीठी ही कुहुक
सुबह का वो सुंदर सा नजारा
भूल नही पाऊंगी वो अपना गॉव प्यारा
आ जाओ सिर्फ एक बार पापा
चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा
पानी का छिड़काव आँगन में करना
मनमोहक की सोंधी सी मिट्टी की खुशबू
दिल के एक कोने के जगह लिए बैठी हैं
दादा संग खेत पर गन्ने खाना
भूल नही पाऊंगी वो अपना गाँव प्यारा
आ जाओ सिर्फ एक बार पापा
चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा
जमीन पर बैठ पंगत में आप संग भोजन खाना
नीम के पेड़ के नीचे ही दोपहर का बिताना
आम के बाग में जाकर पेड़ो पर चढ़ना
गन्ने के जूस से गुड़ को बनते देखना
भूल ही नही पाऊंगी वो अपना गाँव न्यारा
आ जाओ सिर्फ एक बार पापा
चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद